लौंग, लौंगा, लौंगा! बैर एक लौंग मेरी आती-पाती ॥ॐ नमो कामदेवाय विद्महे रति प्रियायै धीमहि तनो अनंग प्रचोदयात ऐं सः सः सः फट॥ खाने की कुछ चीजे चाहे वो पान हो, इलायची हो या फिर लौंग इनमे आकर्षण का काम कर साध्य को दिया जाता था जिसके प्रभाव से धीरे धीरे सामने https://francism144whs9.wikibriefing.com/user